visit to dudhwa national park what to see how to reach

Dudhwa National Park की सैर: क्या देखें, कैसे पहुँचें?

Dudhwa National Park उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में स्थित एकलौता नेशनल पार्क है। भारत में कई प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण है जिसमे से दुधवा भी एक wildlife conservation है। Dudhwa अपने बाघ एवं गैंडा अभ्यारण (Tiger and Rhino Conservation) के लिए फेमस है, इसके साथ ही यहाँ हाथी, बारहसिंघा , स्लोथ बेयर, जंगली मुर्गा, सरस सहित ४५० से अधिक bird species मिलती है। वही अगर दुर्लभ जीवो की बात करें तो घड़ियाल और अनेक प्रकार के कछुए भी देखने को मिलते है।

दुधवा में साल के पेड़ मुख्यता मिलते है जो एक घना जंगल बनाते है, घने जंगलो के साथ साथ हरी घास के विशाल मैदान, पानी के तालाब यहाँ जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। अगर आप एक nature lover या फिर एक wildlife photographer है तो दुधवा आपके लिए एक आइडियल डेस्टिनेशन है

दुधवा नेशनल पार्क क्यों जाएँ | Why visit Dudhwa National Park?

शहरों की भीड़ भाड़ से परेशान  होकर आप अगर फॅमिली या फिर नेचर के साथ सुकून के कुछ पल बिताना चाहते है तो आपको एक बार Dudhwa जरूर आना चाहिये। वैसे तो दुधवा घूमने की कई वजह है पर उनमे से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं :
  • बंगाल टाइगर और एशियाई गैंडे: आपको बता दें कि दुधवा टाइगर एवं गैंडे के संरक्षण (Tiger and Rhino Conservation) का प्रमुख केंद्र है इसलिए यहाँ आपको ये ज्यादा देखने को मिलते है।
  • देसी एवं प्रवासी पक्षी: ४५० से अधिक देसी एवं migratory birds in dudhwa देखने को मिलते है जिसमे मुख्यता वुडपेकर, सारस,किंगफिशर, हार्नबिल और अनेक प्रकार कि birds है जो कि birds lover को एक अनोखा अनुभव करवाने के लिए काफी है।
  • जीप एवं हांथी सफारी: घने जंगलो में टाइगर और अन्य जानवरो को करीब से उनके Natural Habitat में देखने के अनुभव के लिए यहाँ पर Jeep Safari एवं Elephand Safari की सुविधा मिलती है, आपको बता दे Elephant Safari सुबह ही उपलब्ध है जो कि घास के मैदानों में गैंडो को चरते हुए करीब से देखने के लिए बेस्ट है।
  • किशनपुर और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य: Dudhwa National Park के दो और हिस्से है Kishanpur Wildlife Sanctuary और katarniaghat wildlife sanctuary, किशनपुर आकार में छोटा होने के कारण यहाँ भी टाइगर और अन्य जानवर आसानी से दिख जाते हैं। वही अगर कतर्नियाघाट कि बात करें तो नदी के साथ होने के कारण यहाँ आपको जीप और Boat Safari मिल जाती है। यहाँ आपको घड़ियाल (Alligator), मछली मारने वाली बिल्ली (fishing cat), गंगा डॉल्फिंस (ganga Dolphins) और दूसरी मछलियां देखने को मिलती है और नदी के पास पाए जाने वाले अनेक पक्षी भी यहाँ देखने को मिलते हैं।

दुधवा नेशनल पार्क कैसे पहुँचें | How to Reach Dudhwa National Park?

भारत में कुछ ही नेशनल पर में ज्यादा फेमस होने के कारण वह पर अब भीड़ ज्यादा होने लगी है जिसमे कि उत्तराखंड का Jim Corbett National Park और राजस्थान का Ranthambore National Park। अगर आप कुछ नया और शांति से अपना टाइम बिताना चाहते है वो भी नेचर और वाइल्डलाइफ को एन्जॉय करते हुए तो दुधवा जरूर आएं, Dudhwa Tiger Reserve आने के लिए जो मुख्य विकल्प उपलब्ध है वो इस प्रकार हैं :

  • हवाई मार्ग: अगर आप हवाई यात्रा करके आना चाहते है तो सबसे पास का हवाई अड्डा लखनऊ (चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) है, जो दुधवा से लगभग 223 किलोमीटर दूर है। लखनऊ से Dudhwa तक आने के लिए आप प्राइवेट टैक्सी या फिर डायरेक्ट बस सेवा ले सकते है जो आसानी से मिल जाती हैं ।
  • रेल मार्ग: Dudhwa रेल से आने के लिए आपको कई ऑप्शन मिल जाते है जिसमे सबसे पास पलिया कला स्टेशन है, वही सबसे ज्यादा कनेक्टिंग स्टेशन मैलानी जंक्शन है। आप दिल्ली या लखनऊ से ट्रैन से सीधा आ सकते है यहाँ पर आपको पार्क तक जाने के लिए लोकल रिक्शा , टेम्पो एवं बस बहुत आसानी से मिल जाती हैं।
  • सड़क मार्ग: लखनऊ से दुधवा की दूरी लगभग 230 किलोमीटर है और यहाँ तक पहुँचने में लगभग 4-5 घंटे लगते हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन एवं प्राइवेट बस और प्राइवेट टैक्सी किराए पर लेकर भी यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। रोड अच्छे हैं और बीच में आपको घने जंगल, घास के मैदान और कई नदिया देखने को मिलेंगी। आप गाडी रोक कर इनका भी मज़ा ले सकते हैं।

दुधवा नेशनल पार्क का समय और प्रवेश शुल्क क्या है | What are the Timings and Entry Fee of Dudhwa National Park?

Dudhwa national park entry fee भारतीय नागरिक और विदेशी नागरिको के लिए अलग -अलग है और यदि आप अपने वाहन से आ रहे है तो यहाँ पर पार्किंग शुल्क देकर आप अपनी कार कि पार्किंग कर सकते हैं।
प्रवेश विवरणभारतीय नागरिकविदेशी नागरिक
प्रवेश शुल्क (व्यक्ति)₹100₹800
वाहन शुल्क (फोर-व्हीलर)₹300₹300
कैमरा शुल्क (डिजिटल)₹500₹1000

पार्क खुलने का समय एवं सफारी का समय

क्र. सं.माहसुबहदोपहर
115 नवंबर – 31 मार्च6:30 बजे – 9:30 बजे2:30 बजे – 5:30 बजे
21 अप्रैल – 15 जून6:00 बजे – 9:00 बजे3:30 बजे – 6:30 बजे

दुधवा नेशनल पार्क में जीप सफारी फीस एवं विवरण

विवरणभारतीयों के लिए कीमतविदेशियों के लिए कीमत
सफारी शुल्कINR 6500 / – प्रति सफारीINR 28300 / – प्रति सफारी
प्रति जीप अधिकतम व्यक्ति6 व्यक्ति + 2 बच्चे (1-5 वर्ष)4 व्यक्ति
जोनदुधवा, सथियाना, किशनपुर, कर्तनियाघाट
शामिल सुविधाएँजीप, ड्राइवर, परमिट, गाइड शुल्क, प्रवेश शुल्क, हमारी सेवा शुल्क और GST

दुधवा नेशनल पार्क में हाथी की सफारी फीस एवं विवरण

विवरणभारतीयों के लिए कीमतविदेशियों के लिए कीमत
हाथी सफारी शुल्कINR 6000 / – प्रति हाथीINR 59000 / – प्रति हाथी
प्रति हाथी अधिकतम व्यक्ति4 व्यक्ति4 व्यक्ति
समयकेवल सुबह की शिफ्ट में अनुमतिकेवल सुबह की शिफ्ट में अनुमति
विशेष क्षेत्रगैंडा संरक्षण क्षेत्रगैंडा संरक्षण क्षेत्र
स्थानकेवल दुधवा मेंकेवल दुधवा में
नोटहाथी सफारी को आप सुबह की जीप सफारी के साथ जोड़ सकते हैं।

बोट सफारी

बोट सफारी की सेवा केवल katarniaghat में ही मिलती है। इस सफारी पर आप घड़ियाल , ऊदबिलाव, गंगा डॉल्फिंस और अनेक प्रकार के जल जीव देखने को मिलते हैं।

दुधवा नेशनल पार्क में कहां रुकें | Where to Stay in Dudhwa National Park?

Dudhwa में रुकने के लिए आपके पास सरकारी और निजी रिसोर्ट कि सेवा उपलब्ध है। आपको यहाँ पर आपके बजट के अनुसार rooms/cottages मिल जाते है।
  • फॉरेस्ट रेस्ट हाउस एवं डारमेट्री: यह पर्यटकों को जंगल के बेहद नजदीक ठहरने का अनुभव देता है। ये रेस्ट हाउस जंगल के अंदर ही हैं और कैंटीन कि सुविधा भी उपलब्ध है। मगर ये ध्यान रखे कि पीक सीजन में यहाँ आने से पहले अपनी बुकिंग कन्फर्म कर लें।
  • निजी रिजॉर्ट: ये निजी रिसोर्ट दुधवा से बिकुल करीब हैं और ऑफिस कॉन्फ्रेंस, ग्रुप हॉलीडेज, स्टूडेंट्स विजिट्स के लिए अधिक आरामदायक विकल्प हैं और दुधवा के प्रवेश द्वार के पास कई निजी रिजॉर्ट और इको-होटल उपलब्ध हैं।

दुधवा नेशनल पार्क में सफारी के अलावा और क्या कर सकते हैं | Things to Do in Dudhwa National Park?

दुधवा में यदि आप जीप और हाथी सफारी कर चुके हैं और इसके अलावा और कुछ करने कि सोच रहे है तो अब ये सब एक्टिविटी भी कर सकतें हैं:

  • बर्डवॉचिंग: सुबह के समय देसी और प्रवासी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देखा जा सकता है। हरे भरे मैदानों और ऊँचे ऊँचे पेड़ो के बीच आप इन बर्ड्स को देख सकते हो, जिसमे सारस, किंगफ़िशर,रंगबिरंगे सारस, हार्नबिल आदि शामिल हैं।
  • ट्रेकिंग और जंगल वॉक: प्रशिक्षित गाइड के साथ आप जंगल की सेफ एरिया में जंगल वाक करके छोटे जीव और अलग अलग वनस्पतियों को देख सकते है जिसको आपने बस सुना होगा मगर कभी देखा नहीं होगा। यह भी एक अनोखा अनुभव है और आपको जरूर जाना चाहिए।
  • कतर्नियाघाट में बोट सफारी: Jeep Safari तो आपने बहुत कि होगी मगर नदियों के किनारे सफारी का यह अनुभव आप कभी नहीं भूलेंगे। Boat Safari के दौरान घड़ियाल, मछली मारने वाली बिल्ली, गंगा डॉल्फिंस, ऊदबिलाव और विभिन्न पक्षियों को देखने का मौका मिलता है।

दुधवा नेशनल पार्क कब जाएँ | When to visit Dudhwa National Park?

वैसे तो दुधवा नेशनल पार्क नवंबर से जून तक खुला रहता है मगर आपको मौसम का मज़ा लेते हुए नेचर को एन्जॉय करना है तो जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल के बीच होता है। इस दौरान मौसम ठंडा और बेहतरीन होता है, इस समय आप जनवाओ को जंगल में घूमते टहलते देख सकते हैं।

निष्कर्ष

दुधवा नेशनल पार्क में प्रकृति और वन्यजीवों दोनों का मज़ा एक साथ मिलता है। यहाँ आकर आप प्रक्रति और अलग अलग जीव जन्तुओ, पक्षियों तथा वनस्पतियो के बारे में जानने का मौका मिलता है और शहर की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी और शोर से भी आराम मिलता है। आप भारत या विदेश कही भी हो एक बार दुधवा नेशनल पार्क में जरूर आएं, यहाँ कि हरियाली, शांति, लैंडस्केप्स आपको इतना सुकून देंगे कि आप यहाँ वापस जरूर आएंगे।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *